प्यार और बेचैनी
हम सारा दिन यह सोचते रहते हैं
क्यूं हर जगह तुम्हें देखते रहते हैं
बेचैनी सी भी है और सुकून भी
अलग सा महसूस हुआ जुनून भी
दिल की बात को समझ नहीं पा रहा
उठ रहे इस जज्बात को हूं मैं दबा रहा
कोशिश तो करते हैं पर कह नहीं पाते
कि क्यूं तुमसे दूरी अब सह नहीं पाते
अपने एहसासों को पन्नों पर बिछा रखा है
दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखा रखा है
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Diya Jethwani
02-Aug-2022 11:05 PM
Waah ji
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Neha Chowdhary
04-Jul-2021 02:56 PM
जज़्बातो के रंग में रंगी रचना 👏👏
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Shaba
04-Jul-2021 02:19 PM
ये हुई ना बात। बहुत बढ़िया।
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